विज्ञान और मापन
★विज्ञान और मापन दोनों ही महत्वपूर्ण भौतिक और गणितीय तथा विज्ञानिक क्षेत्रों में हैं। विज्ञान विचारशीलता और अनुसंधान के माध्यम से नए ज्ञान का सृजन करता है, जबकि मापन सही और यथासंभाव निर्णय लेने में मदद करता है। इन दोनों का संबंध विज्ञानी अध्ययन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि मापन विज्ञानी अपनी साक्षरता को सुनिश्चित करने और अपने प्रयोगों को विश्व के साथ मिलाने के लिए विज्ञानी तथा अनुसंधानीय कार्यों में विशेष सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
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विज्ञान:- विज्ञान एक तंत्रिका और विशेष तथा तात्कालिक ज्ञान का क्षेत्र है जो प्राकृतिक और सामाजिक घटनाओं की समझ में और उनके नियमों का पता लगाने में लगा है। यह अनुसंधान, परीक्षण, और विवेचना के माध्यम से ज्ञान का सिस्टमेटिक अध्ययन करता है और नए ज्ञान को उत्पन्न करने का प्रयास करता है। विज्ञान विभिन्न शाखाओं में विभाजित होता है, जैसे कि भौतिक विज्ञान, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, गणित, और भूगोल, जो समृद्धि और समस्याओं के समाधान में मदद करने के लिए अपने विशेष क्षेत्रों में विशेषज्ञता विकसित करते हैं।
मापन:- मापन, या मेट्रिक्समिटा, विशेष रूप से दी गई मात्रा या माप की एकता को दर्शाने के लिए है। यह विभिन्न विज्ञान और गणित के क्षेत्रों में प्रयुक्त होता है, जैसे कि भौतिक विज्ञान, गणित, रसायन, और इंजीनियरिंग। मापन से निर्दिष्ट मात्रा और उसका स्थान तय होता है, जिससे निर्णय और अध्ययन में सुधार होता है।
भौतिक राशियां:- भौतिक राशियां मापन और गणित में उपयोग होने वाली राशियां होती हैं, जो विभिन्न प्रकार के दृष्टिकोण और इकाइयों में मात्रा निर्धारित करने में मदद करती हैं। कुछ मुख्य भौतिक राशियां मीटर, किलोग्राम, सेकंड, अम्पीयर, केल्विन, मोल, और कैंडेला हैं, जो विभिन्न भौतिक प्रमेयों को मापने में उपयोग होती हैं।
मात्रकों की पद्धतियां:- मात्राएँ और उनकी पद्धतियाँ विभिन्न भौतिक और गणितीय मापन में उपयोग होती हैं। यहां कुछ मुख्य मात्राएँ और उनकी पद्धतियाँ हैं:
1. मीटर (Meter):- लंबाई की मात्रा, सीजीएस पद्धति में मापा जाता है।
2. किलोग्राम (Kilogram):- भार की मात्रा, सीजीएस पद्धति में मापा जाता है।
3. सेकंड (Second):- समय की मात्रा, सीजीएस पद्धति में मापा जाता है।
4. अम्पीयर (Ampere):- विद्युत प्रवाह की मात्रा, एम्पीयर पद्धति में मापा जाता है।
5. केल्विन (Kelvin):- तापमान की मात्रा, केल्विन पद्धति में मापा जाता है।
6. मोल (Mole):- यौगिक सादगी की मात्रा, मोल पद्धति में मापा जाता है।
7. कैंडेला (Candela):- प्रकाश की तेज़ी की मात्रा, सीजीएस पद्धति में मापा जाता है।
ये मात्राएँ और पद्धतियाँ वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में व्यापक रूप से उपयोग होती हैं तथा विभिन्न मापनों को एक सामान्य मानक से जोड़ने में मदद करती हैं।
मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति:- मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति के लिए SI (International System of Units) सबसे प्रसारपीय है, जिसमें मात्राएं जैसे कि मीटर, किलोग्राम, सेकंड, और अम्पेर को परिभाषित किया गया है। यह वैश्विक मात्रीय प्रणाली का हिस्सा है और विज्ञान, औद्योगिकता, और व्यापार में उपयोग होती है।
मात्रों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति का सिद्धांत यह है कि यह स्थायी और विश्वसनीय मात्राएं तय करने के लिए एक सामान्य मानक हो, ताकि वैज्ञानिक और तकनीकी आदर्शों के बीच संवाद सुरक्षित रूप से हो सके। इसमें विभिन्न इकाइयों की परिभाषाएं और उनके निर्धारण के लिए मानक रूप से स्थापित प्रक्रियाएं शामिल हैं, जिससे विश्वभर में एकीकृतता बनी रहे।
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