* गति
गति को वस्तु की स्थिति में परिवर्तन की दर के रूप में व्यक्त किया जा सकता है, जो समय के साथ होता है। इसे आमतौर से वस्तु की चाल की तीव्रता के रूप में भी देखा जा सकता है।
SUMAN KA GYAN |
विराम एवं गति
विराम और गति दोनों ही भौतिकी तत्त्व हैं जो वस्तु की स्थिति में परिवर्तन को व्यक्त करते हैं। विराम वस्तु का स्थितिकरण करता है, जबकि गति वस्तु की स्थिति में परिवर्तन की दर को दर्शाती है।
विराम और गति, भौतिकी तत्त्वों के रूप में, वस्तु की स्थिति में परिवर्तन को व्यक्त करने वाले दो प्रमुख अंश हैं।
1. विराम (Rest):
- विराम एक वस्तु की स्थिति को स्थिरता में बताता है, जिसमें कोई चाल नहीं होती।
- यदि कोई वस्तु शांत है और उसमें कोई चेतना या चाल नहीं है, तो उसे विराम में माना जा सकता है।
- इसकी यह स्थिति समय के साथ बदलती नहीं है।
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यदि एक वस्तु विराम स्थिति से चालने लगती है, तो इसकी तीव्रता (\(v\)) पहले गति फार्मूला का उपयोग करके मापा जा सकता है:
\[ v = \frac{Δs}{Δt} \]
यहाँ:
- \( v \) गति को दर्शाने के लिए तीव्रता है.
- \( Δs \) है स्थान का परिवर्तन.
- \( Δt \) है समय का परिवर्तन.
जब वस्तु विराम स्थिति में होती है, तो \(v\) शून्य होती है, और गति फार्मूला से गति की मान प्राप्त की जा सकती है.
विराम के प्रकार
विराम के कई प्रकार हो सकते हैं, जो वस्तु की चाल को विभिन्न रूपों में विवेचित करते हैं। यहाँ कुछ मुख्य प्रकार हैं:
1. स्थिर विराम (Stationary Rest):
- जब एक वस्तु पूरी तरह से शांत होती है और उसमें कोई चाल नहीं होती, तो इसे स्थिर विराम कहा जाता है।
2. स्थानांतरित विराम (Rectilinear Rest):
- जब वस्तु एक स्थान से दूसरे स्थान पर शांत रूप से स्थानांतरित होती है, लेकिन इसकी दिशा बदलती नहीं है, तो उसे स्थानांतरित विराम कहा जाता है।
3. केंद्रमाग्नी विराम (Central Rest):
- जब एक वस्तु एक केंद्र के चारों ओर घूमती है और उसका एक निश्चित दूरी तय करती है, तो उसे केंद्रमाग्नी विराम कहा जाता है, जैसे कि घड़ी की सुई की गति।
4. समयमान विराम (Periodic Rest):
- जब वस्तु नियमित अंतरालों में अपनी स्थिति में पलटती है, तो उसे समयमान विराम कहा जाता है, जैसे कि हृदय की धड़कन की गति।
5. आवृत्ति विराम (Rotational Rest):
- जब एक वस्तु अपने धुरि के चारों ओर घूमती है और उसकी दिशा बदलती रहती है, तो उसे आवृत्ति विराम कहा जाता है, जैसे कि एक घुड़सवारी की गति।
इन प्रकारों के विराम से हम वस्तुओं की विभिन्न चाल और गतियों को समझ सकते हैं।
2. गति (Motion):
- गति एक वस्तु की स्थिति में परिवर्तन की दर को दिखाता है, जिसमें वस्तु को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है।
- गति को सामान्यत: समय के साथ जोड़ा जाता है और इसे विभिन्न रूपों में व्यक्त किया जा सकता है, जैसे विकेन्द्रीय गति और संवेग।
- गति वस्तु की चाल की तीव्रता को निर्दिष्ट करती है और इसे विशेष दिशा में किया जा सकता है।
संक्षेप में, विराम स्थिति की स्थिरता को दर्शाता है, जबकि गति स्थिति में परिवर्तन की दर को बताती है।
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गति की तीव्रता (\(v\)) को विशेष रूप से दर्शाने के लिए विभिन्न स्थितियों के बीच स्थान का परिवर्तन (\(Δs\)) और समय (\(Δt\)) का अनुपात उपयोग किया जा सकता है:
\[ v = \frac{Δs}{Δt} \]
यहाँ:
- \( v \) गति को दर्शाने के लिए तीव्रता है (इसकी इकाईयाँ मीटर प्रति सेकंड हो सकती हैं, या किसी अन्य इकाई में जैसे कि किलोमीटर प्रति घंटा).
- \( Δs \) है स्थान का परिवर्तन.
- \( Δt \) है समय का परिवर्तन.
यह सामान्यत: सुचारु रूप में गति का मापन करने के लिए उपयोग किया जाता है।
गति के प्रकार
गति के कई प्रकार हो सकते हैं, जो विभिन्न परिस्थितियों और आधारितताओं पर निर्भर करते हैं। यहाँ कुछ मुख्य प्रकार हैं:
1. विकेन्द्रीय गति (Translational Motion):
- इसमें एक वस्तु एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होती है, जैसे कि एक गाड़ी या एक गेंद की गति।
2. घूर्णन गति (Rotational Motion):
- इसमें एक वस्तु अपने धुरि के चारों ओर घूमती है, जैसे कि एक घुड़सवारी चक्कर की गति।
3. आवृत्ति गति (Periodic Motion):
- इसमें वस्तु नियमित अंतरालों में एक ही पैटर्न में चलती है, जैसे कि एक घड़ी की सुई की गति।
4. अनुयायी गति (Oscillatory Motion):
- इसमें वस्तु एक स्थान से दूसरे स्थान तक आगे पीछे होती है, जैसे कि एक झूला या एक आलिंगन हुई पेंडुलम की गति।
5. उछाल गति (Projectile Motion):
- इसमें एक वस्तु का गति एक निर्दिष्ट कोण से उछलते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचता है, जैसे कि एक गोला जो उच्ची से फेंका जाता है।
इन प्रकारों की गतियों का अध्ययन भौतिकी में होता है और विज्ञान में महत्वपूर्ण है।
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